Friday, January 23, 2009

IMPACT (very imp)

Yesterday In Loksabha Session At around 4.48 pm Following Dscussion Done Where Letters And Feeling Of OUR Were Discussed.

1648 बजे
श्री अनंत गंगाराम गीते (रत्नागिरि): महोदय, मुंबई में आतंकी हमले के बाद पूरे देश में एक क्रोध उभर आया और देश की जनता का क्रोध इतना बढ़ गया है कि अब सरकार भी उस क्रोध का एहसास करने लगी है, इसीलिए सरकार की ओर से गृहमंत्री जी ने ये दो विधेयक, नेशनल इनवेस्टीगेशन एजेंसी बनाने संबंधी विधेयक और अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन अमेंडमेंट बिल सदन के सामने रखे हैं। इन दोनों विधेयकों पर चर्चा आज यहां हो रही है।
महोदय, आम आदमी में जो गुस्सा है, उसके कुछ उदाहरण मैं सदन के सामने रखना चाहूंगा। ऐसी अनेक चिट्ठियां हैं जो मुंबई और दिल्ली के पते पर मुझे और मुझ जैसे कई सांसदों के पास आई हैं। इन खतों में से अधिकतर खत महिलाओं द्वारा लिखे गए हैं। कुछ खतों को मैं यहां पर लाया हूं, जो मेरे पास पोस्ट से आए हैं। इनसे यह महसूस होता है कि देश का आम आदमी कितना क्रोधित है।...(व्यवधान)
अगर महिलाओं पर भी इनको आपत्ति हो, तो चर्चा करना बेमतलब है। मैं इन खतों को सदन के सामने रखने जा रहा हूं।
रेल मंत्री (श्री लालू प्रसाद) : आपकी सेना ने क्या किया है।
श्री अनंत गंगाराम गीते (रत्नागिरि): मैं उसके बारे में भी बताने जा रहा हूं।
सभापति जी, एक खत है जिसे मैं पूरा न पढ़कर आखिरी पंक्ति पढ़ता हूं। “Attack Pakistan before they will again attack.” पाकिस्तान के फिर हमला करने से पहले उस पर अटैक करिये। नीचे लिखा है, From India’s daughter, Rupali Kadam साहस की बात यह है कि उसने अपना मोबाइल नम्बर दिया है। यह गुमनाम खत नहीं है। एक दूसरा खत है जो मराठी में है। इसे भी एक बहन ने लिखा है। मैं मराठी में इसे पढ़ता हूं, फिर हिंदी में आपको बता दूंगा। खत केवल दो लाइन का है। मराठी में यह खत लिखा है। ...(व्यवधान) इसमें लिखा है कि अलग-अलग भाषा, धर्म, जाति और पंतों से बना हमारा देश है, इस देश की जनता शांति और अमन चाहती है और आतंकवादी जो हमला हुआ है उसके खिलाफ पाकिस्तान के साथ युद्ध करें। इस प्रकार की इसकी भावना है। लिखने वाली महिला का नाम सुप्रिया वीरा काटकर है, उसने थाणे का एड्रेस दिया है और वह वागले स्टेट की रहने वाली है तथा उसने भी अपना फोन नम्बर दिया है। एक उमेश पाटिल है, उन्होंने भी इसी प्रकार से दो लाइन का खत लिखा है। “I am supporting our Government to attack Pakistan and my wishes to our soldiers. Jai Hind.” ऐसे ही ये सारे खत हैं। सुचिता पाटिल नाम की लेडी का भी एक खत है। जिन्होंने खत लिखे हैं, मैं केवल उनका नाम पढ़ता हूं। एक महिला हैं वीरा, यह उनका खत है, एक महिला अश्विनी वीरा हैं, यह उनका खत है। इतना क्रोध देश की जनता में है। इसीलिए जब हमने इस विषय पर चर्चा की, पहली बार, इस आतंकी हमले के खिलाफ, जैसे सारा देश युनाइट हुआ है, उसी तरह से यह सदन भी युनाइट हुआ है। इस सदन में उसी प्रकार से चर्चा हुई और सदन में हमने एक मत से एक रैजोल्यूशन पारित किया। हमने आतंकी हमले और पाकिस्तान की निंदा की और जो शहीद हुए उन्हें सदन में श्रद्धांजलि दी।
माननीय आडवाणी जी ने आज जब इस बहस को शुरू किया, उन्होंने उस दिन जो अपना वक्तव्य दिया था उसी को लेकर उन्होंने यहां पर अपनी बात को कहा। माननीय डीपी यादव जी जब यहां बोल रहे थे, बार-बार कह रहे थे कि आतंक से लड़ने के लिए कानून की जरुरत नहीं, यह कानून कुछ नहीं कर सकता, कानून के द्वारा हम उनसे टकरा नहीं सकते।

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