Monday, February 23, 2009

Saturday, January 24, 2009

विशेष सूचना

या गुरुवारी (29/01/2009)
प्। पूज्यअनिरुद्ध बापू
गणपति बद्दल सांगणार आहेत
P. P. Aniruddh Bapu's Special Pravachan on


GANAPATI.

Be their at right time.

Venue - New English school, Bandra (e)
Time - 7:30

PARED IN HAPPY HOME


२६ जानेवेरी अणि १५ अगस्त रोजी हैप्पी होम येथे परेड छे आयोजन करण्यात येते .

Friday, January 23, 2009

THE-THIRD-WORLD-WAR Book

IMPACT (very imp)

Yesterday In Loksabha Session At around 4.48 pm Following Dscussion Done Where Letters And Feeling Of OUR Were Discussed.

1648 बजे
श्री अनंत गंगाराम गीते (रत्नागिरि): महोदय, मुंबई में आतंकी हमले के बाद पूरे देश में एक क्रोध उभर आया और देश की जनता का क्रोध इतना बढ़ गया है कि अब सरकार भी उस क्रोध का एहसास करने लगी है, इसीलिए सरकार की ओर से गृहमंत्री जी ने ये दो विधेयक, नेशनल इनवेस्टीगेशन एजेंसी बनाने संबंधी विधेयक और अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन अमेंडमेंट बिल सदन के सामने रखे हैं। इन दोनों विधेयकों पर चर्चा आज यहां हो रही है।
महोदय, आम आदमी में जो गुस्सा है, उसके कुछ उदाहरण मैं सदन के सामने रखना चाहूंगा। ऐसी अनेक चिट्ठियां हैं जो मुंबई और दिल्ली के पते पर मुझे और मुझ जैसे कई सांसदों के पास आई हैं। इन खतों में से अधिकतर खत महिलाओं द्वारा लिखे गए हैं। कुछ खतों को मैं यहां पर लाया हूं, जो मेरे पास पोस्ट से आए हैं। इनसे यह महसूस होता है कि देश का आम आदमी कितना क्रोधित है।...(व्यवधान)
अगर महिलाओं पर भी इनको आपत्ति हो, तो चर्चा करना बेमतलब है। मैं इन खतों को सदन के सामने रखने जा रहा हूं।
रेल मंत्री (श्री लालू प्रसाद) : आपकी सेना ने क्या किया है।
श्री अनंत गंगाराम गीते (रत्नागिरि): मैं उसके बारे में भी बताने जा रहा हूं।
सभापति जी, एक खत है जिसे मैं पूरा न पढ़कर आखिरी पंक्ति पढ़ता हूं। “Attack Pakistan before they will again attack.” पाकिस्तान के फिर हमला करने से पहले उस पर अटैक करिये। नीचे लिखा है, From India’s daughter, Rupali Kadam साहस की बात यह है कि उसने अपना मोबाइल नम्बर दिया है। यह गुमनाम खत नहीं है। एक दूसरा खत है जो मराठी में है। इसे भी एक बहन ने लिखा है। मैं मराठी में इसे पढ़ता हूं, फिर हिंदी में आपको बता दूंगा। खत केवल दो लाइन का है। मराठी में यह खत लिखा है। ...(व्यवधान) इसमें लिखा है कि अलग-अलग भाषा, धर्म, जाति और पंतों से बना हमारा देश है, इस देश की जनता शांति और अमन चाहती है और आतंकवादी जो हमला हुआ है उसके खिलाफ पाकिस्तान के साथ युद्ध करें। इस प्रकार की इसकी भावना है। लिखने वाली महिला का नाम सुप्रिया वीरा काटकर है, उसने थाणे का एड्रेस दिया है और वह वागले स्टेट की रहने वाली है तथा उसने भी अपना फोन नम्बर दिया है। एक उमेश पाटिल है, उन्होंने भी इसी प्रकार से दो लाइन का खत लिखा है। “I am supporting our Government to attack Pakistan and my wishes to our soldiers. Jai Hind.” ऐसे ही ये सारे खत हैं। सुचिता पाटिल नाम की लेडी का भी एक खत है। जिन्होंने खत लिखे हैं, मैं केवल उनका नाम पढ़ता हूं। एक महिला हैं वीरा, यह उनका खत है, एक महिला अश्विनी वीरा हैं, यह उनका खत है। इतना क्रोध देश की जनता में है। इसीलिए जब हमने इस विषय पर चर्चा की, पहली बार, इस आतंकी हमले के खिलाफ, जैसे सारा देश युनाइट हुआ है, उसी तरह से यह सदन भी युनाइट हुआ है। इस सदन में उसी प्रकार से चर्चा हुई और सदन में हमने एक मत से एक रैजोल्यूशन पारित किया। हमने आतंकी हमले और पाकिस्तान की निंदा की और जो शहीद हुए उन्हें सदन में श्रद्धांजलि दी।
माननीय आडवाणी जी ने आज जब इस बहस को शुरू किया, उन्होंने उस दिन जो अपना वक्तव्य दिया था उसी को लेकर उन्होंने यहां पर अपनी बात को कहा। माननीय डीपी यादव जी जब यहां बोल रहे थे, बार-बार कह रहे थे कि आतंक से लड़ने के लिए कानून की जरुरत नहीं, यह कानून कुछ नहीं कर सकता, कानून के द्वारा हम उनसे टकरा नहीं सकते।

AGRALEKH PUBLISH IN PRATYAKSHA

AGRALEKH PUBLISH IN PRATYAKSHA





1 DEC 2008

हर हर महादेव
(मराठी)
http://www.manasamarthyadata.com/data/marathi/ed_mar.pdf

HAR HAR MAHADEV
(English)
http://www.manasamarthyadata.com/data/eng/ed_Eng.pdf

हर हर महादेव
(हिन्दी)
http://www.manasamarthyadata.com/data/hindi/ed_Hin.pdf
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3 DEC 2008
आता पुढे काय?
(मराठी)
http://www.manasamarthyadata.com/data/marathi/Ed_Mar_3rd_Dec.pdf

WHAT NEXT?
(English)
http://www.manasamarthyadata.com/data/eng/Ed_Eng_3rd_Dec.pdf

अब आगे क्या होगा?
(हिन्दी)
http://www.manasamarthyadata.com/data/hindi/Ed_Hin_3rd_Dec.pdf
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4 DEC 2008

सहकार करून सत्याग्रह
(मराठी)
http://www.manasamarthyadata.com/data/marathi/ed_marathi_4_12_08.pdf

(English)
Satyagraha
http://www.manasamarthyadata.com/data/eng/ed_english_4_12_08.pdf

(हिन्दी)
सहयोग के सत्याग्रह
http://www.manasamarthyadata.com/data/hindi/ed_hindi_4_12_08.pdf
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23 Dec 2008

मुहूर्त
(मराठी)
http://www.manasamarthyadata.com/data/23Dec_2008/Ed_Mar_23_12_08.pdf

THAT PRECISE MOMENT (MUHURTA)
(English)
http://www.manasamarthyadata.com/data/23Dec_2008/Ed_Eng_23_12_08.pdf

महूरत
(हिन्दी)
http://www.manasamarthyadata.com/data/23Dec_2008/Ed_Hin_23_12_08.pdf
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24 Dec 2008

काळ असा आहे की ...............
(मराठी)
http://www.manasamarthyadata.com/data/24Dec_2008/Ed_Mar_24_12_2008.pdf

SUCH ARE THE TIME...........
(ENGLISH)
http://www.manasamarthyadata.com/data/24Dec_2008/Ed_Eng_24_12_2008.pdf

ऐसे है हालात..............
(हिन्दी)
http://www.manasamarthyadata.com/data/24Dec_2008/Ed_Hin_24_12_2008.pdf
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25 Dec 2008

savadhan
(मराठी)
http://www.manasamarthyadata.com/data/25Dec_2008/Ed_Mar_25_12_08.pdf

ALERT
(English)
http://www.manasamarthyadata.com/data/25Dec_2008/Ed_Eng_25_12_08.pdf


सावधान
(हिन्दी)
http://www.manasamarthyadata.com/data/25Dec_2008/Ed_Hin_25_12_08.pdf
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चरखा योजना

एका आदर्श समाजाची परिकल्पना काय? याचा विचार करायचा म्हटले तर आपल्या अभ्यासाला, संशोधनाला सुरुवात तर होइल. मात्र, याचा निकाल आपल्या हातात कधी येइल याबाबत काही सांगू शकत नाही. कारण समाजातील विविध समस्या खुप वाढल्या आहेत आणि त्यावर वर वर चे उपाय योजून चालणार नाही. या समस्या पूर्ण नष्ट केल्या पाहिजेत. तेव्हाच आपल्या समाजाला धैर्य आणि गतवैभव पुन्हा प्राप्त होइल. यासाठी डॉक्टर श्री अनिरुद्ध जोशी यांनी १३ कलमी योजना जाहिर केल्या आहेत. या योजनावरच त्यांच्या संस्थेचे कार्य अवलंबून आहे. या १३ कलामंमधील पहिले कलम म्हणजे वस्त्र योजना अर्थात चरखा योजना


वस्त्र योजना अर्थात चरखा योजना
गरिबीमुले अंगभर नीट वस्त्रही घालता येत नाही अशी अवस्था प्रगतिशील भारतात आजही आहे. खेडेगावात राहणार्या सुमारे ४ कोटिहुन जास्त विद्याथार्नकड़े एकच गणवेश असतो. पुरेसे आणि टिकाऊ कपडे उपलब्ध नसल्याने शिक्षण पासून ती मुले वंचीत राहतात. गरजू
विद्याथार्नकड़े आणि त्यांच्या परिवाराला आवश्यक कपडे पुरविण्यासाठी चरखा योजना जाहिर झाली.
अनिरुद्ध आदेश पथकाचे कार्यकर्ते स्वखर्चाने अम्बर चरखा विकत घेतात. त्यावर सूत कातातात. संस्था या सुतापासुन कापड तयार करते. या कपड्यापासून शालेचे गणवेश तयार केले जातात आणि त्यांचे विनामूल्य वाटप करण्यात येते.